अमर उजाला इटावा और समारंभा फाउंडेशन इटावा द्वारा आज ऑनलाइन हिंदी काव्य सम्मेलन आयोजित

अमर उजाला इटावा और समारंभा फाउंडेशन इटावा के सौजन्य से आज एक ऑनलाइन हिंदी काव्य गोष्ठी आयोजित की गई जिसका मुख्य उद्देश्य हिंदी भाषा के प्रति लोगों को जागरूक करना था ।


कवयित्री ऋचा राय ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए हिंदी की वर्तमान परिप्रेक्ष्य में स्थिति पर चर्चा की । 
यह कैसा कोलाहल है।
आक्रोश है या हलचल है।। 
है निमित्त ये परिवर्तन का ।
या विप्लव का दंगल है।। 
कहकर उन्होंने क्षणिक लोभ वश मंचों पर हिंदी के अपमान का विरोध करने की बात कही।


अवनीश त्रिपाठी ने सरस्वती वंदना की, कहा

जो ईश्वर से मिला हमको वही वरदान है हिंदी ।

सहज, सुंदर, सरल, निर्मल, बड़ी आसान है हिंदी।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे गोविंद माधव शुक्ला ने अपनी रचना गोविंद गीता के अंश रखे। कहा

इंसान भी क्या चीज बनाई मेरे मौला 

इक बर्फ का टुकड़ा है और धूप में रखा है ।

इस्लामिया कॉलेज में हिंदी के प्रवक्ता और दर्जनों साहित्य की रचना कर चुके कुश चतुर्वेदी ने नए हिंदी रचनाकारों को हिंदी का मान बनाए रखने को प्रेरित किया।कहा


सियासत ने हर मौसम में
फ़सलें इस तरह काटीं।
पहले तोड़ दी टांगे
फिर बैसाखियाँ बांटी।


औरैया रत्न अजय अंजाम जो देश विदेश में हिंदी कवि के रूप में प्रसिद्ध हैं,ने कहा कि विश्व की सबसे शक्तिशाली भाषा हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने का समय आ गया है। हमे मुहिम चलानी होगी। 


हिंदी भारत मातु के,बने कंठ का हार ।
 निशि-दिन यही विचार।
 
रोहित चौधरी ने हिंदी की उपभाषाओं की विशेषता बताते हुए हिंदी के सम्मान में कविता पढ़ी कहा


मैं भूषण की सिंह गर्जना खुद की ताकत रखता हूं
वन्दे मातरम होठों पर और दिल में भारत रखता हूं
 
मयंक विधौलिया ने युवाओ को प्रेरणा देते हुए कहा 


लेकिन मैं तो हर कीमत पर अपना धर्म निभाऊंगा ।।
जब तक मेरी सांस रहेगी तब तक पीड़ा गाऊंगा।।
 
प्रतीक्षा चौधरी ने मधुर कृष्ण स्तुति प्रस्तुत की ,


कर्म जो करूं हो कार्य राष्ट्रहित यह प्रार्थना। 
द्वेष ना हो मन में प्रेम की करूं मैं साधना।।


सम्मेलन में समारंभा फाउंडेशन की सदस्य संगीता अग्रवाल, पूनम अग्रवाल, सुमन शर्मा,अतुल यादव, सहित अमर उजला के वरिष्ठ पत्रकार गण एवम हिंदी के अनेकों शुभेक्षु सम्मिलित हुए।